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Friday, October 31, 2008

ज़िन्दगानियां

ये रूखी धूमिल सडक
उम्र से कहीं लंबी
बेजान तनहा झुलसी
कुछ थकती कुछ भटकी
जाने कितनी कहानियां देखी है इसने...
कुछ छोटी कुछ बड़ी
कुछ आधी अधूरी
कुछ दिलचस्प यादगार
तो कुछ फीकी भूली बिसरी
जाने कितनी 'ज़िन्दगानियां' देखी है इसने...
कहानियां जो भटक गयीं
कहानियां जो बिखर गयीं
कहानियां जो रूठ गयीं
कहानियां जो टूट गयीं
कहानियां जो तोड़ दी गयीं
कहानियां जो मरोड़ दी गयीं
कहानियां जो शुरु न हो सकीं...

वक़्त की ये लंबी सड़क
इसकी भी एक कहानी है
जो बेधड़क बयान करती हैं
ये तमाम अजीबोगऱीब कहानियां...
- पुष्कर

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